खाली मॅन, धूँद रहा खाली सा इक और संबल.
खाली हो जहाँ ख़याल, खाली सब उलझे अरमान
खाली हो पलकों की छाओं, खली हों हाथ
खाली हो आँचल की औंट, खली ही नज़र और बाथ.
खाली मन धुंद रहा अजब सा भर्पुर खालीपन.
Thursday, August 16, 2007
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